कैसे पक्षपात और तुलना आपके बच्चे को नुकसान पहुँचा सकती है।

पर यदि तुम पक्षपात करते हो, तो पाप करते हो; और व्यवस्था तुम्हें अपराधी ठहराती है।– याकूब 2:9
हमारे बच्चे “भाग-दौड़”(प्रतिस्पर्धा) का हिस्सा क्यों बनते हैं? इसका सबसे बड़ा कारण है – तुलना!
दूसरे बच्चे की सफलता को हम अपने बच्चों के लिए मापदंड बना देते हैं। जब हम अपने बच्चों की तुलना दूसरों से करते हैं, तो हम जाने-अनजाने किसी एक बच्चे के साथ पक्षपात करने लगते हैं।इसके कई कारण हो सकते हैं – लिंग, प्रदर्शन, शारीरिक बनावट, क्षमता आदि।
ऐसा व्यवहार बच्चे में आत्मविश्वास की कमी लाता है और वह अपनी पहचान खो देता है। वे वही करते हैं जो उन्हें करने के लिए कहा जाता है। उनका अपने जीवन का कोई लक्ष्य नहीं होता। वे अपनी काबिलियत और अपने जीवन का मकसद नहीं समझ पाते।
भले ही वे मसीह को मानने वाले परिवार में जन्मे हों, लेकिन माता-पिता का ऐसा अन्यायपूर्ण और गलत व्यवहार उनका परमेश्वर पर विश्वास कमजोर कर देता है। समय के साथ वे परमेश्वर के प्रेम से दूर हो जाते हैं।
बाइबल में रिबका इसका एक उदाहरण है। उसने अपने एक बेटे के साथ पक्षपात किया, जिससे दोनों भाईयों के बीच नफरत और कड़वाहट पैदा हो गई।
याकूब ने भी यूसुफ को ज्यादा प्यार दिया। और इससे बाकी भाईयों में इतनी नफरत बढ़ गई कि वे लगभग अपराध करने को तैयार हो गए।
“क्योंकि परमेश्वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करते।” – रोमियों 2:1
परमेश्वर, हमारे स्वर्गीय पिता, सबसे अच्छे उदाहरण हैं जिनसे हम सीख सकते हैं। वह अपने सभी बच्चों से समान रूप से प्रेम करते हैं। हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि परमेश्वर हमें हर बच्चे को अपनी नजर से देखने में मदद करें। जब हम ऐसा करेंगे, तो वह हमें हर बच्चे की खूबियां दिखाएंगे। हम हर बच्चे में परमेश्वर की सुंदरता देखना शुरू करेंगे।पिता का प्रेम सभी पापों को ढक देता है। यही प्रेम हमें सिखाता है कि हम हर बच्चे के साथ प्रेम से व्यवहार करें।जो कुछ भी हम अपने बच्चों के लिए करते हैं, वह निःस्वार्थ और बिना किसी शर्त के होना चाहिए।
हर बच्चे को जैसा वह है वैसे ही स्वीकार करें। उनके स्वभाव या व्यक्तित्व को बदलने की कोशिश न करें।। हमें बच्चों को पाप से दूर रखना है, उनका भविष्य नहीं बदलना। प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थियों की पुस्तक में गर्व से अपनी कमजोरी स्वीकार की, क्योंकि वह मसीह यीशु में विश्वास रखते थे। उनकी कमजोरी मसीह में शक्ति बन गई (2 कुरिन्थियों 12:10)। अपने बच्चे की हर कमजोरी को परमेश्वर पर भरोसे के साथ स्वीकार करें।
हमारे बच्चों की पहचान साधारण नहीं है। यह दुनिया के मापदंडों पर आधारित नहीं है। हमें हर दिन और हर क्षेत्र में अपने बच्चों की पहचान मसीह में घोषित करनी चाहिए।
जब हम अपने बच्चों को परमेश्वर के हाथों में सौंपते हैं, तो वे ऐसे आग के तीर बन जाते हैं, जो शैतान के हर हमले का सामना कर सकते हैं।
मसीह यीशु में हमारे बच्चे शैतान की हर बुरी योजना को पलट सकते हैं और हर तीर को हरा सकते हैं।