कैसे मेरा बगीचा मेरी ज़िम्मेदारी है|

परमेश्वर मनुष्य के साथ मिलकर काम करना पसंद करते हैं। जब से पहला मनुष्य पृथ्वी पर रखा गया, परमेश्वर ने उसे एक बाग दिया और उससे उम्मीद की कि वह उसकी देखभाल करेगा।
“तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को लेकर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उसमें काम करे और उसकी रक्षा करे। “- (उत्पत्ति 2:15)
एक और अनुवाद में कहा गया है: “उसकी जुताई और रखवाली करे।”
माता-पिता होने के नाते, परमेश्वर ने हमें अपने बच्चों के रूप में एक विशेष सेवकाई दी है। यह कितना बड़ा सम्मान है कि परमेश्वर ने हमें धरती पर एक जीवन का निर्माण करने के योग्य समझा। हमें धर्मी माता-पिता का उदाहरण बनना चाहिए और अपने बच्चों को जीवित परमेश्वर के भय और ज्ञान में बड़ा करना चाहिए।
मेरा बच्चा मेरा बगीचा है, मेरी ज़िम्मेदारी!
जब तक मेरा बच्चा मेरी देखभाल में है, मेरे पास उस पर अधिकार और प्रभाव है। परमेश्वर ने मुझे उसे “संवारने और उसकी रक्षा करने” की ज़िम्मेदारी सौंपी है, न कि संडे स्कूल के शिक्षक या चर्च के पास्टर को। अदन की वाटिका आदम को सौंपी गई थी, और यह उसकी ज़िम्मेदारी थी। इसलिए अगर उसकी वाटिका (विवाह) में बोलने वाला सांप पाया गया, तो यह उसकी समस्या थी, न कि परमेश्वर की।
देखिए, अगर मेरे बगीचे में खरपतवार (weed) उग आते हैं, या मेरे स्वस्थ पौधे मुरझाने लगते हैं, तो एक माली के रूप में मैं खुद को जिम्मेदार मानती हूं। और अगर मेरे बगीचे में कोई सांप आकर बोलने लगता है, तो इसका कारण यह है कि माली के रूप में मैं सतर्क नहीं रही और खतरे को समय पर रोक नहीं पाई।
मेरा बच्चा मेरा बगीचा है, मेरी ज़िम्मेदारी है, और मैं इस बात का ध्यान रखूँगी कि इस दुनिया की चीज़ें मेरे बगीचे को दूषित न करें – चाहे वो आँखों के ज़रिए हो, कानों के ज़रिए हो, या दिल के ज़रिए।
यहाँ दो तरीके हैं, जिनसे मैं अपने बगीचे (बच्चे) का ध्यान रख सकती हूँ:
1. वातावरण पर नज़र रखें
मेरे बगीचे (बच्चे) के फूलने-फलने के लिए, मुझे उस वातावरण पर ध्यान देना होगा, जिसमें वह बढ़ता है। बच्चे परमेश्वर का उपहार होते हैं, और हर अच्छा और परिपूर्ण उपहार स्वर्ग से आता है (भजन 127:3, याकूब 1:17)। मेरे बच्चे को देने के लिए सबसे सुरक्षित वातावरण वही है जिसमें वह पहले था।
परमेश्वर की उपस्थिति ही सबसे सुरक्षित वातावरण है! स्तुति और आराधना , प्रार्थना, संतों के साथ संगति ये वे तरीके हैं जिनसे हम परमेश्वर की उपस्थिति को अपनी जिंदगी में आमंत्रित कर सकते हैं। जब यीशु की माता मरियम अपनी बहन एलिज़ाबेथ से मिलने गईं, तो उनके गर्भ में पल रहे बच्चे ने खुशी से किलकारी मारी (लूका 1:41), क्योंकि उसने स्वर्ग की उपस्थिति (यीशु) को पास महसूस किया।
2. उसे मेरे चलने का तरीका दिखाना
मेरे लिए यह ज़रूरी है कि मैं अपने बच्चे को अपने पास रखूं जब मैं परमेश्वर के साथ चलती हूं। उसे देखना चाहिए कि मेरा परमेश्वर के साथ क्या रिश्ता है और उसे यह भी जानना चाहिए कि उसे भी परमेश्वर के साथ चलने और महान काम करने बुलाया गया है ।
मेरे अनुभवों को उसे भी अनुभव करना चाहिए। अब्राहम ने इसहाक को अपनी ज़िंदगी करीब से देखने दि। मुझे यकीन है कि वह अपने बेटे से बातें करता होगा और उसे बताता होगा कि परमेश्वर ने उसे कैसे उसके पिता के घर से बाहर निकाला, कैसे उसने उसे सपनों में दर्शन दिए, कैसे उसने परमेश्वर की आवाज़ सुनी, वह रात जब उसे तंबू से बाहर बुलाकर तारे दिखाए गए, वचन, वाचा। मुझे लगता है कि अब्राहम ने इसहाक को अपने साथ करीब से चलने दिया, अगर ऐसा न होता, तो वह वेदी पर स्थिर नहीं रहता (उत्पत्ति 22:9)। वह दिन केवल अब्राहम की परीक्षा नहीं थी, बल्कि इसहाक की भी थी, जो अपने पिता और अनदेखे परमेश्वर पर विश्वास करता था।
अब्राहम ने अपने बेटे को सही माहौल में पाला, इसहाक ने अपने पिता के परमेश्वर को देखा और अनुभव किया, लेकिन उसके बच्चों के साथ ऐसा नहीं था। इसहाक के बच्चों का जीवन उसके जीवन से बहुत अलग था। इसहाक अपनी पत्नी के गर्भ के लिए प्रार्थना करता था (उत्पत्ति 25), और उन्हें विवाह के विषय में सलाह देने के अलावा हम कहीं नहीं देखते कि वह अपने बच्चों के साथ परमेश्वर को जानने में शामिल था। हालांकि अब्राहम और इसहाक का आशीर्वाद याकूब को मिला, फिर भी उसका जीवन संघर्षों से भरा था।
एक माता-पिता के रूप में मेरी ज़िम्मेदारी है कि मैं अपने बच्चे को परमेश्वर के रास्ते में लाऊं और बढ़ाऊं।परमेश्वर को अपना व्यक्तिगत परमेश्वर बनाने का फैसला बच्चों को खुद करना होगा, लेकिन यह ज़िम्मेदारी मुझे दी गई है और मैं इससे भाग नहीं सकती!
उच्च स्वर में कहिए: मेरा बगीचा मेरी ज़िम्मेदारी है और मैं उसकी अच्छे से जुताई और रखवाली करने का पर्याप्त अनुग्रह रखती हूँ। और इसे बहुत अच्छे से करूंगी! अगर अब्राहम को यह अनुग्रह था, तो मुझे भी है।
-रूता मिलर